जब हम ट्रेडिंग की बात करते हैं, तो अक्सर हमारा ध्यान चार्ट्स, इंडिकेटर्स और डेटा एनालिसिस की ओर होता है। पर Option Trading Psychology बुक हमें याद दिलाती है कि हमारी असली लड़ाई तकनीक से नहीं, बल्कि अपने भीतर की भावनाओं से होती है।
इस पुस्तक को पढ़ते हुए हमें यह समझ में आता है कि डर, लालच, अनिश्चितता और आत्म-संदेह जैसे भावनात्मक पहलू, हमारे सफल होने और न होने के बीच का आधार बन होता हैं। लेखक Karthik और Vignesh MuthuMohan द्वारा लिखित यह किताब हमें नकारात्मक भावनाओं से मुकाबला करने के लिए आवश्यक मानसिक अनुशासन, धैर्य और निरंतर अभ्यास की आकर्षित करती है।
ट्रेडिंग में सफलता सिर्फ सही निर्णय लेने से नहीं, बल्कि उस निर्णय के साथ खड़े रहने की क्षमता से मिलती है और यही बात हमें इस किताब से सीखने को मिलती है।
ऑप्शन ट्रेडर की मानसिकता
हर ऑप्शन ट्रेडर के भीतर एक मानसिक ढाँचा होता है, जो उसके सोचने, समझने और निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। बुक के अनुसार, यह मानसिकता अक्सर हमारे अंदर अनजाने में विकसित होती है, कभी अनुभवों से, कभी उम्मीदों से, तो कभी असुरक्षा या लालच से।
कुछ मानसिकता के उदाहरण इस प्रकार है;
- जल्दी अमीर बनने की मानसिकता।
- सीखने और विकास की मानसिकता।
- भयभीत और जोखिम से बचने वाली मानसिकता।
- बुद्धिमान और अनुशासनहीन मानसिकता।
- सही की मानसिकता।
आतंरिक मानसिकता की क्रिया समझना
जब भी हम अपने व्यवहार, निर्णय या भावनाओं को समझने की कोशिश करते हैं, तो हमें यह भी जानना होता है कि इसके पीछे हमारे शरीर के कुछ हार्मोन किस तरह से भूमिका निभाते हैं।
यहां दो हॉर्मोन के प्रभाव और उन्हें मैनेज करने के तरीके बताये गये है;
कॉर्टिसोल। यह डर को घटता और बढ़ता है। इसे मैनेज करने के लिए ध्यान लगाना, योग करना और अच्छी नींद लेना होता है।
डोपामाइन। यह लालच को कम-ज्यादा करता है। डोपामाइन को मैनेज करने के लिए अपने काम के रिवॉर्ड को तुरंत की जगह देरी से प्राप्त करना, एक अच्छा उपाय है।
यदि हम इन हार्मोन की प्रतिक्रियाओं को पहचानना और संभालना सीख जाएं, तो यह केवल ट्रेडिंग में ही नहीं, जीवन के कई पहलुओं में भी हमारी मदद कर सकता है।
लालच और उसका मैनेजमेंट
बुक के अनुसार, ऑप्शन ट्रेडिंग में लालच, हर समय लाभ निकालने की तेज इच्छा के कारण हमारे अंदर आता है। और यह ट्रेडिंग प्रक्रिया में तब दिखने लगता है जब ट्रेडर्स भारी रिटर्न की संभावना पर अड़ जाते है और रिस्क को अनदेखा करते है।
लालच को मैनेज करने के लिए कुछ रणनीतियाँ इस प्रकार है;
- अपने ज्ञान और रिस्क क्षमता के अनुसार लक्ष्य बनाना।
- ट्रेडिंग योजना के अनुसार ही कार्य करना।
- अपने रिस्क को समझना और उसके अनुसार निर्णय लेना।
- सही अवसर का इंतजार करना।
- लालच और भावनात्मक निर्णयों से बचने के लिए अपनी भावनाओं को समझना।
भय और उसका मैनेजमेंट
ऑप्शन ट्रेडिंग में डर, ट्रेड में शामिल रिस्क और उतार-चढ़ाव के प्रति एक तेज भावुक प्रतिक्रिया है। डर अक्सर चिंता, घबराहट या अधिक हानि की भावना के रूप में प्रकट होता है, और यह ट्रेडर्स के फैसलों को प्रभावित करता है।
भय को मैनेज करने के लिए कुछ प्रक्रिया इस प्रकार है;
- अपने ज्ञान को बढ़ाना।
- अपनी भावनाओं को लिखकर, एनालिसिस करना।
- अपनी आदतों और कार्यों के पैटर्न को पहचानना।
- भावनाओं को नियंत्रण में रखना।
गलत धारणा और उनसे बचना
हम सभी में कुछ कमियां होती हैं जो हमें हमारे लक्ष्यों से भटकाती हैं। इन कमियां और धारणाओं को हम पूर्वाग्रह कहते हैं। ये मानसिक शॉर्टकट की तरह हैं जिसे हमारा दिमाग बिना एहसास के अपना लेता है।
दूसरी ओर, भ्रम हमारी सोच में एक खाली जगह हैं जो हमारे तर्क में एक जाल की तरह काम करता हैं। भ्रम रेगिस्तान में होने वाली मृगतृष्णा की तरह हैं-जो पहले-पहल सत्य नज़र आता हैं, और वास्तव में वह हमारा भ्रम होता हैं।
गलत धारणाओं को मैनेज करने के लिए कुछ रणनीतियां इस प्रकार है;
- अपनी सोच के प्रति आत्म-जागरूकता विकसित करना।
- अपने इमोशन को मैनेज करना।
- ट्रेडिंग प्लान फॉलो करना।
- अपने कार्य में फीडबैक लेना।
ट्रेडिंग अनुशासन का महत्व
ट्रेडिंग अनुशासन, एक अच्छी तरह से परिभाषित ट्रेडिंग योजना, नियमों और सिद्धांतों का एक समूह है, जो हमें ट्रेडिंग करते समय मार्गदर्शन करता है।
ट्रेडिंग अनुशासन रातों-रात विकसित नहीं किया जा सकता, यह आत्म-निपुणता और निरंतर सुधार की यात्रा है। इसलिए हमें इन पहलुओं को बेहतर करना होता है;
- स्पष्ट ट्रेडिंग योजना बनाना।
- रिस्क मैनेजमेंट फॉलो करना।
- भावनात्मक नियंत्रण विकसित करना।
- ट्रेडिंग प्लान की समय-समय पर जांच करना।
- नियमित व्यायाम और स्वस्थ भोजन ग्रहण करना।
धैर्य की शक्ति
ऑप्शन ट्रेडिंग की तेज गति वाली दुनिया में, धैर्य वह गुमनाम नायक होता है जो एक सट्टेबाज को कब बेहतर ट्रेडर बना देता है, उसे इसका एहसास भी नहीं होता।
सही अवसरों की प्रतीक्षा करने का अर्थ है सफलता की उच्च संभावना वाले ट्रेडों में प्रवेश करना। इससे प्रॉफिट की संभावना बढ़ जाती है और नुकसान का जोखिम कम हो जाता है।
धैर्य को अपनी ट्रेडिंग योजना में कुछ इस प्रकार फॉलो कर सकते है;
- संभावनाओं को अधिकतम करना।
- कम संभावना वाले ट्रैड से बचना।
- मार्केट के ट्रेंड के साथ तालमेल बिठाना।
- भावनात्मक तनाव को कम करना।
- बेहतर स्टॉक व इंडेक्स का चयन करना।
नुकसान से निपटना और उभरना
ट्रेडिंग की दुनिया, कुछ भी होने की संभावना से भरी है, जहाँ हमारी भावनाओं में तेजी से उतार-चढ़ाव अनुभव करने को मिलता हैं। जब ट्रेडर्स को नुकसान का सामना करना पड़ता है, तो भावनाओं का एक नकारात्मक समूह उन्हें घेर लेता है, यह प्रक्रिया सभी ट्रेडर्स में देखने को मिलती है।
लॉस से निपटने के लिए कुछ रणनीतियां फॉलो कर सकते है जो इस प्रकार है;
- प्रॉफिट और लॉस को स्वीकार करना सीखना।
- भावनात्मक लचीलेपन को अपनाना।
- जर्नलिंग और आत्म-चिंतन करना।
- स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना।
- ट्रेडिंग पोजीशन को मैनेज करना।
ट्रेडिंग रूटीन बनाना
एक व्यक्तिगत ट्रेडिंग योजना, ट्रेडिंग की जटिल परिस्थितियों में कम्पास की तरह कार्य करती है जो हमारे ट्रेडिंग अनुशासन को मजबूत करने और निर्णय लेने के कौशल को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
एक अच्छी तरह से मैनेज ट्रेडिंग रूटीन, ट्रेडिंग की दुनिया में सफलता की रीढ़ है। जिसे जानने के कुछ प्रश्न इस प्रकार है;
- ट्रेडिंग को करते हुए हमारी दैनिक व्यक्तिगत जीवन की दिनचर्या क्या है?
- हमारी मौजूदा दैनिक ट्रेडिंग रूटीन क्या है?
- हमारे विचार में हमारी दिनचर्या कैसी दिखती है?
ट्रेडिंग जर्नल बनाना। एक सफल ट्रेडर बनने की यात्रा में ट्रेडिंग जर्नल एक अमूल्य उपकरण है। जिसमें हम प्राइस की समझ, भावनाओं का मैनेजमेंट, आवश्यक जानकारी रिकॉर्ड करना, ट्रेड का विवरण, मार्केट की स्थिति, ट्रेडिंग योजना का पालन, प्रॉफिट और लॉस जैसी चीजों को लिखते और एनालिसिस करते है।
फूल टाइम ट्रेडिंग करियर
फुल टाइम ट्रेडर बनने का सपना, हर ट्रेडर्स के बीच एक आम इच्छा है। यह इच्छा, ट्रेडिंग के आकर्षण और असीमित कमाई की संभावना के कारण हममें विकसित होती है।
यह जितना रोमांचक लगता है उतना ही कठिन भी है, क्योंकि यह भावनाओं पर चलने वाला खेल है जिसमें नियमों को फॉलो करना और समय आने पर खुद को अपडेट करना होता है। बहुत कम ट्रेडर्स होते है जो ट्रेडिंग को एक बिज़नेस मानकर लम्बे समय तक इसमें टिके रहते है।
फुल टाइम ट्रेडिंग करियर बनाने से पहले हमें इन बातों को समझना होगा।
निर्णय लेने की प्रक्रिया। ट्रेडिंग में पैसे बनाने के लिए रिस्क मैनेजमेंट, ट्रेडिंग स्किल मैनेजमेंट, ट्रेड मैनेजमेंट, अनुसासन मैनेजमेंट, कानून मैनेजमेंट जैसे पहलुओं पर महारत हाशिल करनी होगी।
पारिवारिक प्रभाव। फुल टाइम ट्रेडर बनने का निर्णय व्यक्तिगत नहीं होता; इसका प्रभाव एक ट्रेडर के पारिवारिक जीवन पर भी पड़ता है। इसलिए अपने परिवार को छह महीने पहले बताये कि हम फुल टाइम ट्रेडिंग की ओर कदम बढ़ाने वाले है।
बुक कोट्स
हर मार्केट परिस्थिति के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता नहीं होती।
ऑप्शन ट्रेडिंग की दुनिया में लंबे समय तक सफलता बनाये रखने के लिए, इच्छाओं को मैनेज करना होता है।
आशा एक मार्गदर्शक और प्रकाशक हो सकती है, लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग की दुनिया में लंबी सफलता के लिए इसे अनुशासित करना होता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग में प्रक्रिया मायने रखती है, नाकि परिणाम।
हर दिन एक अवसर है, जब तक हम अपना ट्रेडिंग खाता नहीं खो दे। इसलिए एक ट्रेड चले जाने पर अगले ट्रेड की तैयारी करनी है नाकि पिछले ट्रेड के बारे में सोचते रहना है।