"इकीगाई" केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक जीने की कला है। यह किताब हमें हमारी बढ़ती उम्र और घटती जीवनशक्ति की ओर ध्यान दिलाती है। आज के समय में जब तकनीक ने हमारे कामों को आसान बना दिया है, और हमारे जीवन की गति को और अधिक धीमा कर दिया है।
लेखक Hector Garcia और Francesc Morales की पुस्तक "Ikigai" उन जापानी लोगों की जीवनशैली से प्रेरित है, जिन्होंने 100 साल से अधिक उम्र पाई है, खासकर जापान के ओकिनावा जैसे क्षेत्रों से। बुक के अनुसार, जो लोग अपने पसंदीदा कार्य में डूबे रहते हैं, वे न केवल मानसिक रूप से सक्रिय रहते हैं, बल्कि उम्र के प्रभाव को भी धीमा कर देते हैं। इसके विपरीत, जो लोग केवल शारीरिक रूप से काम करते हैं, वे मानसिक रूप से थक चुके होते हैं, और जल्दी बूढ़े लगने लगते हैं।
"इकीगाई" बुक उम्र बढ़ने को एक बोझ नहीं, बल्कि एक अवसर के रूप में देखने की प्रेरणा देती है। यह हमें सिखाती है कि कैसे हम अपने जीवन के हर दिन को अर्थ और ऊर्जा से भर सकते हैं।
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Ikigai Book Summary Hindi |
इकिगाई का मतलब
"इकिगाई" एक जापानी शब्द है, जो वहाँ के लोगों की लंबी, स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली का रहस्य बताता है। इसका सामान्य अर्थ है, “हमेशा व्यस्त रहने से मिलने वाला आनंद और उत्साह।”
ऐसा माना जाता है कि इस दुनिया में आने वाला हर व्यक्ति अपना इकिगाई साथ लेकर आता है, और जीवन की यात्रा में वह उसे खोजने और पहचानने की कोशिश करता है।
हमारा इकिगाई हमारे भीतर, गहराई में छिपा होता है। उसे खोजने की यात्रा में हमें आत्म-संयम, दृढ़ता, और कार्य के प्रति सच्ची लगन की जरूरत होती है।
बुक के अनुसार, जब हम लगातार अपने भीतर झाँकते हैं और प्रयास करते हैं, तो हमारा इकिगाई धीरे-धीरे हमारी अनुकूलता के अनुसार प्रकट होने लगता है और हम एक उद्देश्यपूर्ण, आनंदमय जीवन की ओर बढ़ते हैं।
उम्र न बढ़ने का राज
कुछ लोग अपनी वास्तविक उम्र से कहीं अधिक बूढ़े दिखने लगते हैं। विभिन्न अध्ययनों से यह पता चला है कि इसका एक प्रमुख कारण तनाव (Stress) है। तनाव, शरीर और मस्तिष्क पर ऐसा प्रभाव डालता है, जो किसी भी अन्य कारण से कहीं अधिक नुकसानदायक हो सकता है।
तनाव को कम करने के लिए शरीर में थोड़ी हलचल और एक नई सोच की आवश्यकता है। तनाव को कम करने के कुछ तरीके इस प्रकार है;
- अगर संभव हो तो ऑफिस पैदल जाए। अगर नहीं हो, तो रोज कम-से-कम 20 मिनट पैदल चले।
- 7-8 घंटे की नींद हमारे लिए सही है, और इससे ज्यादा नींद हमें सुस्त बना सकती है।
- शरीर को हानि पहुंचाने वाली आदतों को पहचाने और उनकी जगह पर नई सकारात्मक आदत का प्रयास कर सकते है।
- सामाजिक कार्यों में सम्मिलित हो सकते है।
- छोटे बच्चे या फिर जानवरों के साथ खेलें या किसी खेल टीम के सदस्य बन सकते है।
तनाव को पूरी तरह से टालना संभव नहीं है। स्मार्ट जीवनशैली के ज़रिये इसे नियंत्रित ज़रूर किया जा सकता है। याद रखें, तनाव को मैनेज करना सीखना, स्वस्थ और लंबा जीवन जीने की दिशा में एक मजबूत कदम हो सकता है।
लोगोथैरेपी से इकिगाई की खोज
लोगोथैरेपी एक ऐसी मनोवैज्ञानिक पद्धति है जो लोगों को उनके जीवन के गहरे उद्देश्य से जोड़ने का कार्य करती है। यह न केवल जीवन को एक नया अर्थ देती है, बल्कि व्यक्ति को निराशा, तनाव और भ्रम की स्थिति से बाहर निकालकर, एक उत्साही और सक्रिय जीवन की ओर ले जाती है।
आज के आधुनिक समाज में अधिकतर लोग वही कार्य कर रहे हैं, जो उनसे किया जाना अपेक्षित है, न कि वो, जिसे वे दिल से करना इच्छा रखते हैं।
लोगोथैरेपी इसी सोच पर कार्य करती है। यह व्यक्ति को उसकी असली पसंद, अंतर्मन की आवाज़, और स्वतंत्रता से चुने गए उद्देश्य की ओर लौटने में मदद करती है।
लोगोथैरेपी हमें यह सिखाती है कि जीवन का अर्थ केवल आराम, सुविधा या सफलता में नहीं छिपा है, बल्कि कठिनाइयों में उद्देश्य ढूँढ़ने और उन्हें स्वीकार कर आगे बढ़ने में है।
यह पद्धति हमें खुद से जुड़ने, आत्म-सम्मान बढ़ाने और एक सार्थक जीवन की दिशा में कदम बढ़ाने का साहस देती है।
कार्य में प्रवाह की खोज
जब हम प्रवाह (Flow) की अवस्था में होते हैं, तो हम अपने कार्य में इस कदर डूब जाते हैं कि समय, भूख-प्यास या आस-पास की दुनिया का कोई भान नहीं रहता। उस समय मन शांत होता है, और एकाग्रता अपने चरम पर होती है।
वहीं दूसरी ओर, जब हम प्रवाह की अवस्था में नहीं होते, तब भले ही हम कोई कार्य कर रहे हों, पर हमारा मन इधर-उधर भटकता रहता है। ऐसे में कार्य केवल बोझ लगता है।
इकिगाई को प्रवाह की अवस्था से जोड़ा जाए तो एक सरल-सा और गहरा सवाल खड़ा होता है: "वह कौन-सा कार्य है जिसे करते हुए हमें इतना आनंद आता है कि हमें समय का भी ध्यान नहीं रहता?" इस सवाल का उत्तर ही हमारे इकिगाई की दिशा में पहला कदम हो सकता है।
हमें किसी कार्य में प्रवाह अवस्था में जाने के लिए सात प्रश्नों के जवाब पता होना जरुरी है जो इस प्रकार है;
- क्या करना है?
- कैसे करना है?
- हम कितनी कुशलता से यह कर सकते हैं?
- हमें कहाँ पहुँचना है?
- इस रास्ते में कौन-सी चुनौतियाँ आएंगी?
- इस कार्य को करने के लिए कौन-सी कुशलताएँ की आवश्यकता होगी?
- ध्यान भटकने से खुद को कैसे बचाएँ?
प्रवाह एक रहस्यमयी और प्राकृतिक अनुभव है। जिसे हम जितना अनुभव करते हैं, उतना ही यह हमें हमारे जीवन के उद्देश्य (इकिगाई) के करीब ले जाता है।
जब यह अनुभव बार-बार होने लगे, जब हम अपने दिन का अधिकांश समय उसी अवस्था में बिताने लगें, तब समझ लीजिए कि हमने अपने इकिगाई को पा लिया है, या कम-से-कम उसकी राह पकड़ ली है।
शतायु लोगों से जीवन की सीख
चिंता न करें, मन से युवा रहें। चिंता उम्र को बढ़ा देती है, जबकि मन से युवा रहने वाला व्यक्ति वर्षों तक स्वस्थ और सक्रिय बना रहता है। चिंता से बचने का सबसे सरल उपाय है लोगों से जुड़ना और खुलकर बातचीत करना।
अच्छी आदतें अपनाएं। हर दिन ऐसी छोटी-छोटी आदतें बनाएं जो हमें खुशी और सुकून दें। चाहे वह सुबह की सैर हो, किताब पढ़ना, बागवानी या ध्यान लगाना। इन आदतों से हमारी ऊर्जा और जीवन में उत्साह बना रहेगा।
दोस्ती को सींचते रहें। अपने प्रियजनों से रोज संवाद करें। दोस्ती सिर्फ खुशी नहीं देती, यह जीवन में एक भावनात्मक सहारा भी बनती है। "जिनके पास बात करने वाला होता है, वह अकेला नहीं होता।"
जीवन को सहजता से जिएं। जल्दबाज़ी और तनाव जीवन से आनंद को छीन लेते हैं। धीमे चलें, पर पूरे होश के साथ। साधारण गति से भी असाधारण जीवन जिया जा सकता है।
सकारात्मक दृष्टिकोण रखें। हर परिस्थिति में आशा और सकारात्मकता बनाए रखें, अपने जीवन, अपने लोगों और अपने भविष्य के लिए। सकारात्मक सोच लंबी उम्र की आत्मा है।
सदा सीखते रहें। भले ही शरीर थक जाए, आत्मा थकती नहीं। चाहे उम्र के कारण दर्द हो, सपनों में दरार आई हो, या आत्मविश्वास डगमगा गया हो, फिर भी सीखना कभी बंद न करें। सीखना ही वह रोशनी है, जो अंधेरी परिस्थितियों को भी नया रास्ता दिखा सकती है।
इन बिंदुओं में जीवन की वह कला छिपी है, जो न केवल हमें लंबा जीवन देती है, बल्कि उस जीवन को गुणवत्ता और गरिमा से जीने की दिशा भी दिखाती है।
बुक कोट्स
"लंबे जीवन का राज खाद्य-संस्कृति, व्यायाम, इकिगाई को जानना तथा सामाजिक जुड़ाव जैसी बातों में छुपा है।"
"समस्या में होते हुए भी चेहरे की हंसी नहीं खोने वाला इंसान हमेशा युवा दिखता है।"
"हम कैसा जीवन जीते हैं यह बात भी लंबी उम्र के लिए महत्वपूर्ण होती है।"
"लोगोथेरेपी के हिसाब से जब भी किसी इंसान को उसके जीवन का उद्देश्य प्राप्त होता है तो वह अपने अस्तित्व की लड़ाई जीत लेता है।"
"हम जैसा, हमेशा करते हैं वैसे बनते हैं। इसलिए श्रेष्ठता कोई क्रिया नहीं है यह तो हमारी आदत है।"
"आनंदित इंसान को वर्तमान में ही इतना आनंद मिलता है कि उसे भविष्य के विचारों में खोने की जरूरत ही नहीं होती है।"
"खाना खाए, नींद लीजिए और दीर्घायु बनिए। हमें आराम करने की कला सीखनी होगी।"
"हमने अपने मन और शरीर को सक्रिय रखा तो हम यकीनन लंबी उम्र तक जिएंगे।"
"हमें हमेशा खुश रहना हो तो कोई ऐसा लक्ष्य खोजना होगा, जिसके लिए हमारे दिल में बेपनाह मोहब्बत हो और हमेशा कुछ ना कुछ हासिल करने की उम्मीद हो।"
"हमारे साथ क्या घटना घटती है यह महत्वपूर्ण नहीं है महत्वपूर्ण यह है कि हम उस घटना पर क्या प्रक्रिया देते हैं।"
"एक ही पल है जिसे हम सही मायने में जी सकते हैं और वह है वर्तमान का पल।"
"खुशी कोई लूट नहीं सकता, वह हमेशा हमारे अंदर ही होती है।"
"जीवन उद्देश्य का अर्थ; कोई महान कार्य करना ही हो ऐसा नहीं है। शायद अच्छे माता-पिता बनना या पड़ोसी की मदद करने में भी हमें हमारा इकिगाई मिल सकता है।"
"जीवन कोई पहेली नहीं है जिसे हल करना है। सिर्फ ऐसी सोच रखें जिससे हम अपने सबसे पसंदीदा काम के साथ जुड़े रहे और उस काम में व्यस्त रहे।"