किसी भी बिज़नेस को सफल बनाने के लिए सिर्फ़ आइडिया ही नहीं, बल्कि सही रणनीति और गहरे बिज़नेस रहस्यों को समझना भी ज़रूरी है। Zero to One बुक हमें यही सिखाती है कि कैसे हम भीड़ से अलग सोचें और कुछ ऐसा बनाएँ जो पहले कभी मौजूद न रहा हो।
लेखक पीटर थील (Peter Thiel), जो खुद एक सफल उद्यमी और निवेशक हैं, बताते हैं कि असली सफलता वहीं है जहाँ हम Zero से One यानी शून्य से कुछ नया बनाते हैं।
क्रैश से मिले चार अहम सबक
शॉर्टकट नहीं, निरंतर प्रगति।बड़े सपने ज़रूरी हैं, लेकिन शॉर्टकट खतरनाक होते हैं। शॉर्टकट अक्सर बुलबुले की तरह फूटते हैं और क्रैश का कारण बनते हैं। इसलिए, दुनिया को बदलने के लिए ज़रूरी है कि हम धैर्य और निरंतरता के साथ, विनम्र होकर अपने लक्ष्यों पर काम करें।
निरंतर आदतों की ताकत समझने के लिए आप The Now Habits Book Summary पढ़ सकते हैं।
कंपनी को व्यवस्थित और लोगों पर केंद्रित रखें।
एक बिज़नेस की असली ताकत उसकी टीम होती है। अच्छी तरह संगठित और लोगों पर ध्यान देने वाली कंपनी ही लंबे समय तक टिकती है।
प्रतियोगिता में सुधार करें, नया युद्धक्षेत्र न बनाएँ।
स्टार्टअप्स को चाहिए कि वे नया मार्केट बनाने से पहले मौजूदा ग्राहकों के लिए प्रोडक्ट को बेहतर करें।
निष्कर्ष: पहले ग्राहकों की ज़रूरतें पूरी करें, फिर विस्तार करें।
प्रोडक्ट पर ध्यान दें, न कि सेल्स पर।
एक बेहतरीन प्रोडक्ट अपने आप बिकता है। अगर ज़रूरत से ज्यादा विज्ञापन करना पड़े, तो प्रोडक्ट में कमी है।
निष्कर्ष: मजबूत प्रोडक्ट ही असली ब्रांडिंग है।
प्रतियोगी और मोनोपोली बिज़नेस
प्रतियोगी बाजार की हकीकत
- जब बहुत सी कंपनियां एक जैसे प्रोडक्ट बनाती हैं और उन्हें एक जैसी कीमत पर बेचती हैं, तो इसे संपूर्ण प्रतियोगिता कहा जाता है।
- ऐसी स्थिति में कोई भी कंपनी अपनी मर्जी से कीमत तय नहीं कर सकती। उन्हें वही बेचना होता है जो बाजार तय करता है।
मोनोपोली का असली खेल
- जब एक कंपनी ग्राहक की मांग से अधिक अपनी सप्लाई बना लेती है, तो वह बाज़ार पर नियंत्रण करने लगती है, यही से शुरुवात होती है मोनोपोली की।
- एक मोनोपोली कंपनी अपने प्रोडक्ट की कीमत, ब्रांडिंग और प्लानिंग पर पूरा नियंत्रण रखती है।
- ऐसी कंपनियां अक्सर अपनी असली ताकत छिपाती हैं, ताकि सरकार या प्रतिस्पर्धा की नजरों से बच सकें।
फर्क क्या पड़ता है?
मोनोपोली बिजनेस के पास समय और संसाधन होते हैं, जिससे वे न केवल पैसा कमा सकते हैं बल्कि हमेशा कुछ नया करने पर भी ध्यान दे सकते हैं।
वहीं प्रतियोगी कंपनियां सिर्फ आज के फायदे को देखकर दौड़ती हैं, और उनका दीर्घकालीन भविष्य सुरक्षित नहीं होता है।
मोनोपोली के लक्षण
हर मोनोपोली बिजनेस अपने आप में अद्वितीय होता है। हर बिज़नेस की कुछ विशेषताएँ भी होती हैं जो उन्हें सामान्य प्रतिस्पर्धा से अलग बनाती हैं। ये प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:
मालिकाना तकनीक। ऐसी तकनीक विकसित करना, जो मौजूदा विकल्पों से कम-से-कम दस गुना बेहतर हो। यह हमें बिजनेस को कॉपी होने से बचाता है और बाजार में लंबी स्थिरता देता है।
नेटवर्क प्रभाव। जब हर नया उपयोगकर्ता हमारे उत्पाद या सेवा की उपयोगिता बढ़ा दे, तब नेटवर्क प्रभाव बनता है।
संचालन की दक्षता। जैसे-जैसे कंपनी का आकार बढ़ता है, उत्पादन लागत प्रति यूनिट घटती जाती है। यह मोनोपोली कंपनियों को प्रतिस्पर्धियों से अधिक मजबूत बनाता है, क्योंकि वे बड़े स्तर पर कार्य करने में सक्षम होती हैं।
ब्रांड पहचान। एक मजबूत ब्रांड ग्राहक के मन में विश्वसनीयता, गुणवत्ता और भावनात्मक जुड़ाव पैदा करता है। ब्रांड ही वह चेहरा है जो हमें मोनोपोली को बाजार में अलग पहचान दे सकता है।
अगर हम इन लक्षणों को अपने बिजनेस में ढूंढने या विकसित करने का प्रयास करते हैं, तो हम भी एक ऐसा बिजनेस खड़ा कर सकते हैं जो समय की कसौटी पर खरा उतरता है और वर्षों तक टिकता है।
रहस्यों को न खोजने के कारण
हर महान व्यवसाय किसी ऐसे छिपे हुए सच पर टिका होता है, जिसे दुनिया ने अभी पूरी तरह नहीं समझा है। ये रहस्य वही खोज पाते हैं जो भीड़ से अलग सोचते हैं। ज़्यादातर लोग ऐसे रहस्यों को क्यों नहीं खोज पाते? इसके चार मुख्य कारण होते हैं:
1-परंपरागत सोच।
बचपन से ही हमें यह सिखाया जाता है जितना कहा जाए, उतना ही करो। ज्यादा सोचोगे तो मुसीबत में पड़ सकते हो। इस सोच के कारण लोग अपनी जिज्ञासा को दबा देते हैं और सवाल पूछना या नई दिशा में सोचना बंद कर देते हैं।
"सोचने की शक्ति" के बारे में Think and Grow Rich Book Summary हमें बहुत कुछ सीखा सकती है।
2-गलत होने का डर।
रहस्य खोजने का मतलब है – भीड़ से अलग चलना। अधिकतर लोग डरते हैं कि अगर मैं गलत साबित हुआ तो लोग क्या कहेंगे? इस डर के कारण वे कभी उस दिशा में सोचने की हिम्मत ही नहीं कर पाते है, जहाँ से असली खोज शुरू होती है।
डर को मैनेज करने के बारे में और अधिक जानने के लिए Six Basic Fears पोस्ट पढ़ सकते है।
3-आत्मसंतोष।
कुछ लोग इतने आत्मसंतुष्ट हो जाते हैं कि उन्हें लगता है। सब कुछ ठीक चल रहा है, फिर क्यों कुछ नया ढूंढे? उनके पास सोचने की क्षमता है, ज्ञान के आभाव में वे रहस्यों की ताकत को पहचान नहीं पाते।
4-बुद्धिमानों की ग़लत धारणा।
कई लोग सोचते हैं कि जो खोजा जा सकता था, वो तो पहले ही किसी जीनियस ने खोज लिया होगा। इस सोच से वे खुद को कम आंकते हैं और नई खोज के प्रयास को छोड़ देते हैं।
हर बिजनेस के पीछे एक ऐसा छिपा हुआ रहस्य होता है जिसे ढूंढने की ताकत ही उसे महान बनाती है। ये रहस्य उन्हीं को मिलते हैं जो पुरानी सोच छोड़कर, जोखिम लेने, और सवाल पूछने की हिम्मत रखते हैं।
एक प्रोडक्ट कैसे बेचे
लेखक के अनुसार, अच्छी सेल्स और मज़बूत distribution अपने आप में ही एकाधिकार (monopoly) बना सकते हैं, भले ही प्रोडक्ट में कोई ख़ास बात न हो।
प्रोडक्ट बेचने के कुछ तरीके इस प्रकार है;
जटिल सेल। इसमें हमें installation और डील पूरी होने के बाद भी प्रोडक्ट से जुड़ी सेवाएँ देनी होती हैं। इस तरह की जटिल सेल ही अत्यधिक मूल्यवान प्रोडक्ट बेचने का एक प्रभावी तरीका होता है।
निजी सेल। यहां यह चुनौती नहीं होती की कोई खास सेल कैसे करनी है। यहां चुनौती प्रक्रिया की होती है कि कैसे, एक मध्यम आकार की सेल्स को अलग-अलग ग्रहकों तक पहुंचाया जा सके।
मार्केटिंग और विज्ञापन। मार्केटिंग और विज्ञापन कम दामों वाले उत्पादों के लिए काम करते हैं जो लोगों को अपनी ओर खींचते हैं।
वितरण का पावर लॉ। यदि हम केवल एक वितरण चैनल को बेहतर बना सकें तो हमारा काम बहुत बढ़िया हो सकता है।
खुद के विचारों को बेचना। हमारी कंपनी को अपने उत्पाद से कहीं अधिक बेचना होगा। केवल प्रोडक्ट से ही ग्राहक हमारी ओर आकर्षित नहीं होते बल्कि हमारा व्यवहार भी मायने रखता है।
यहीं वे तरीके है जिनसे कोई भी प्रोडक्ट को बेचा जा सकता है।
बिजनेस के सात प्रश्न
1-इंजीनियरिंग का प्रश्न। क्या हम लगातार सुधार के बजाय बेहतर टेक्नोलॉजी बना सकते हैं?
एक अच्छी टेक्नोलॉजी कंपनी के पास ऐसी टेक्नोलॉजी हो जो उसकी निकटतम विकल्प कंपनी से कई गुना बड़ी हो।
2-टाइमिंग का प्रश्न। क्या यह खास तरह के व्यवसाय को आरंभ करने का उचित समय है?
धीमी गति से आगे जाने वाले बाजार में कदम रखना एक अच्छी रणनीति हो सकती है, जब हमारे पास इसे आगे ले जाने के लिए कोई अच्छी योजना हो।
3-मोनोपोली का प्रश्न। क्या हम एक छोटे बाजार के बड़े अंश से आरंभ कर रहे हैं?
ग्राहक तब तक किसी खास तकनीक के बारे में परवाह नहीं करते जब तक यह किसी खास समस्या को खास ढंग से हल न करती हो।
4-लोगों का प्रश्न। क्या हमारे पास बेहतर टीम है?
सफल न होने वाली कंपनियों को नॉन-टेक्नोलॉजीकल टीम चलाती है। जो सेल्समैन और मैनेजर, पैसे बनाने और सरकार से टैक्स बचाने में अच्छे होते है। वे ऐसे उत्पाद अच्छी तरह नहीं बना सकते, जो ग्राहक खरीदना चाहते है।
5-वितरण का प्रश्न। क्या हमारे पास वे लोग है जो उत्पादन ही नहीं बल्कि उत्पादन का वितरण भी कर सकें?
संसार कोई प्रयोगशाला नहीं है, किसी उत्पाद को बेचना और वितरित करना भी उत्पाद जितना ही महत्वपूर्ण होता है।
6-स्थिरता का प्रश्न। क्या हमारी बाजार की स्थिति आगे आने वाले 10 या 20 वर्ष तक बनी रहने वाली है?
हर बिजनेसमैन को यही योजना बनानी है कि वह अपने खास बाजार में अंतिम समय तक टिक सकें।
7-रहस्य का प्रश्न। क्या हमने उस अनूठे अवसर को पहचान लिया है जिसे अभी दूसरे नहीं देख सकें?
महान कंपनियां के रहस्य होते हैं। यहीं सफलता का एक निश्चित कारण है जिसे दूसरे लोग नहीं देख सकते।
निष्कर्ष
इसी के साथ Zero to One बुक की समरी समाप्त होती है। अब समय है हमने जो भी पढ़ा उसे समेटने का।
असली सफलता भीड़ के साथ चलने में नहीं, बल्कि अपना रास्ता ख़ुद बनाने और अपनी समस्याओं को अपने तरीक़े से हल करने में है।
किसी बिज़नेस को टिकाऊ बनाने के लिए जितना ज़रूरी प्रोडक्ट होता है, उतनी ही ज़रूरी मज़बूत टीम और ठोस प्लान भी होते हैं जो उस प्रोडक्ट को लोगों तक पहुँचाते हैं।
मोनोपोली कंपनियाँ लंबे समय तक इसलिए टिक पाती हैं क्योंकि वे किसी ख़ास प्रोडक्ट या सर्विस से ग्राहकों का ध्यान खींचती हैं और लगातार नए रहस्यों को खोजने का प्रयास करती रहती हैं।
एक कंपनी को सफल बनाने के लिए बिज़नेसमैन को अनेक क्षेत्रों में महारत हासिल करनी होती है। इनमें सबसे बड़ा गुण है अपनी गलतियों से सीखना। इस बुक में और भी बहुत से बातें जो एक बिज़नेस मैन के लिए उपयोगी हो सकती है इसिलए बुक पढ़ना न भूले।