समय के साथ अगर हम अपने प्रयासों में निरंतरता बनाए रखें, तो सफलता अपने आप हमें मिलती है। "How to Make Money in Day Trading" किताब ट्रेडिंग की दुनिया में प्रवेश करने वाले नए ट्रेडर्स के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है।
लेखक Mandar Jamsandekar के अनुसार, डे ट्रेडिंग में सफल होने के लिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ निरंतर सीखने और आत्मविश्लेषण की आवश्यकता होती है। ट्रेडर्स को अक्सर अपनी मानसिकता पर ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि यह मानसिकता ही है जो उन्हें बेहतर निर्णय लेने और अपने निर्धारित नियमों पर टिके रहने में मदद करती है।
इस किताब में लेखक ने उन मुख्य गलतफहमियों और मिथकों को उजागर किया है जो नए ट्रेडर्स के मन में होते हैं। वह हमें यह समझाते हैं कि सफलता सिर्फ रणनीतियों के पालन से नहीं, बल्कि मानसिक अनुशासन और समझदारी से भी आती है।
इस किताब को पढ़ने से हमें न केवल तकनीकी पहलू समझ में आते हैं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक पहलू पर भी ध्यान देने की प्रेरणा मिलती है। अगर हम इन सिद्धांतों को अपनी ट्रेडिंग जीवनशैली में शामिल करते हैं, तो हम डे ट्रेडिंग से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
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How To Make Money In DayTrading Book Summary |
लोगों में प्रचलित एक मिथ
लोग अक्सर यह मानते हैं कि शेयर बाज़ार में निवेश या ट्रेडिंग के लिए केवल पैसे की आवश्यकता होती है। उनका यह विश्वास होता है कि पैसे से वे सबसे अच्छी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और मुनाफ़ा कमा सकते हैं। परंतु यह एक बड़ा मिथ है।
अगर यह सच होता, तो बहुत से लोग जो पहले से ही धनवान हैं, वे स्टॉक मार्केट से लगातार पैसे बना रहे होते, लेकिन ऐसा नहीं है। बहुत से लोग अपने पैसे बचाने के लिए स्टॉक मार्केट से दूर रहते हैं। इसका मतलब है कि स्टॉक मार्केट में मुनाफ़ा कमाने के लिए पैसे से ज्यादा जरूरी है ज्ञान और सही दृष्टिकोण।
यह समझना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि मार्केट से नुकसान उठाने के बाद दो बड़े झटके आते हैं:
- भावनात्मक झटका-जब हम अपनी गलतियों से सीखने के लिए दिमागी मेहनत करते हैं।
- आर्थिक झटका-जब हम मार्केट से नुकसान उठाने के बाद आर्थिक रूप से प्रभावित होते हैं।
इन दोनों झटकों से उबरने के लिए, हमें पहले से ही स्टॉक मार्केट के बारे में गहरी जानकारी और समझ विकसित करनी होती है। केवल किताबें पढ़ना पर्याप्त नहीं होता, हमें अवधारणाओं को समझने के साथ-साथ छोटे पैमाने पर निवेश कर के व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करना भी उतना ही ज़रूरी है।
इससे हम सही दिशा में अपनी रणनीति बना सकते हैं और आगे चलकर सफलता की ओर बढ़ सकते हैं।
प्राइस की सुनना
लेखक के अनुसार, प्राइस हमसे बात करती है और एक डे ट्रेडर के रूप में, हमें यह समझने की कोशिश करनी है कि वह क्या कह रही है।
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि हम मार्केट को समझने के लिए अपने-अपने तरीके अपनाते हैं, कोई इंडिकेटर देखता है, कोई वॉल्यूम, तो कोई न्यूज़। अगर चीज़ों को थोड़ा बड़े नजरिए से देखा जाए, तो महसूस होता है कि बड़े निवेशक और अनुभवी ट्रेडर ज़्यादातर फैसले प्राइस की हरकत को देखकर लेते हैं। इंडिकेटर और वॉल्यूम तो उनके एक्शन का नतीजा भर होते हैं।
कैंडलस्टिक पैटर्न की साइकोलॉजी को समझते हुए, दो उदाहरण सामने आते हैं:
- मान लिया कि निफ्टी 25,100 से बढ़कर 25,400 तक जाता है। अगर खरीदारों को लगता कि प्राइस और ऊपर जा सकता है, तो वे और खरीदारी करते, जिससे कीमत ऊपरी लेवल पर बंद होती। इसका नतीजा होता कि एक मजबूत हरी कैंडल, जो दर्शाती कि खरीदारों का दबदबा हैं।
- दूसरी ओर, अगर निफ्टी 25,400 से नीचे गिरकर 25,000 पर बंद होता है, तो यह इशारा करता है कि खरीदारों ने मार्किट ऊपर ले जाने की कोशिश की पर विक्रेता (sellers) ने बाजी जीत ली। और यह भी संभव है कि अगला दिन गिरावट के साथ शुरू हो।
इस तरह से कैंडल हमारे सामने यह स्पष्ट कर सकती है कि कभी-कभी न खरीदार और न ही विक्रेता, स्टॉक की दिशा तय कर पाते हैं। ऐसा तब होता है जब मार्केट में भ्रम की स्थिति होती है, या किसी फैसले पर नहीं पहुंच पाते।
आमंत्रण पर ट्रेड लेना
लेखक के अनुसार, प्राइस को समझना हमें दो अहम पहलुओं पर काम करने का अवसर देता है एक, ट्रेड में प्रवेश कब किया जाए, और दूसरा, जोखिम को कैसे संभाला जाए।
स्टॉक मार्केट को लेकर यह दृष्टिकोण अपनाया जा सकता है कि जैसे हम किसी आयोजन में तब ही जाते हैं जब हमें आमंत्रण मिलता है, वैसे ही किसी स्टॉक में ट्रेड करना भी तब ही उपयुक्त हो सकता है जब वह स्टॉक हमें “आमंत्रित” करता नज़र आए।
ऐसा भी हो सकता है कि हम किसी स्टॉक की ओर सिर्फ इस वजह से खिंचते हों क्योंकि वो हमें पसंद है, या हमारी अंतरात्मा कुछ संकेत देती है, या फिर हमने उसके बारे में टीवी या इंटरनेट पर कुछ सकारात्मक सुना-पढ़ा है, या कंपनी ने हाल ही में अच्छे नतीजे घोषित किए हैं। लेकिन इन कारणों के बावजूद, ज़रूरी नहीं कि वह स्टॉक हमें हर बार ट्रेडिंग का आमंत्रण दे ही रहा हो।
इंट्राडे के 5 मिनट के चार्ट पर, कुछ विशिष्ट स्थितियाँ बड़ी चालों की शुरुआत का संकेत दे सकती हैं:
- जब भावनाएं Bullish (उत्साहित) से Bearish (सावधान) की ओर बदलने लगती हैं,
- या Bearish से Bullish की ओर,
- या फिर Neutral स्थिति से Bullish या Bearish की ओर।
जब इन भावनात्मक बदलावों का संकेत साफ़ दिखाई दे, तभी कोई ट्रेड अवसर के रूप में सामने आता है।
अगर किसी दिन ऐसा कोई स्पष्ट संकेत न मिले, तो वह दिन बाज़ार से थोड़ी दूरी बनाकर रखने का हो सकता है। कभी-कभी, कुछ न करना ही सबसे समझदारी भरा ट्रेड बन जाता है।
मंदार का 80:20 का नियम
लेखक मंदार जमसंदेकर के अनुसार, ज़्यादातर ट्रेडर अपना 80% समय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी और स्टॉक चुनने के तरीकों पर लगाते हैं, जबकि केवल 20% समय ट्रेडिंग अनुशासन पर। लेकिन अनुभव ये बताता है कि असली कमाल स्ट्रेटेजी नहीं, अनुशासन करता है।
हमें ये मानना पड़ेगा कि दुनिया की कोई भी रणनीति हर बार सही नहीं बैठती। हम स्टॉक का विश्लेषण तो कर सकते हैं, लेकिन मार्केट को अपनी मर्ज़ी से नहीं चला सकते। इसी वजह से, ट्रेडिंग में अपने नियमों के साथ ईमानदार रहना ही सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
अगर हम अपने ही बनाए नियमों को नज़रअंदाज़ करते हैं, तो मार्केट बहुत देर नहीं लगाएगा हमें सिखाने में और ये सीख काफ़ी महंगी हो सकती है।
20% स्ट्रेटेजी: मंदार के अनुसार, ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को जितना सरल और कम पैरामीटर वाला रखा जाए, उतना बेहतर। इससे चीज़ें स्पष्ट रहती हैं और ट्रेड करना भी सरल हो जाता है।
80% अनुशासन: ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, हमें अपने लिए नियम बनाने चाहिए, जैसे समय तय करना, कितनी राशि लगानी है, कब रुकना है, और कब आगे बढ़ना है। और सबसे अहम बात, उन नियमों को निभाना।
अपने पैसे, अपनी मेहनत, और अपने फैसलों के प्रति ईमानदारी रखना ही ट्रेडिंग में असली ताकत है।
स्टॉक मार्किट के 7 नियम
1-विनम्र रहें। बाज़ार को अहंकार बिल्कुल पसंद नहीं है। हम जितना ज़्यादा विनम्र रहेंगे, उतना ही बाज़ार से सीख सकेंगे। सफलता के लिए यह गुण बेहद ज़रूरी है।
2-अपनी सीमाएँ जानें। जब ज़रूरी हो, तब अपनी गलतियों और नुकसान को स्वीकार कर आगे बढ़ना ही समझदारी है। हर ट्रेड सिखाता है, बशर्ते हम सीखने को तैयार हों।
3-जुआ और सट्टा लगाने से बचें। कई बार लोग बिना किसी प्लान या स्टडी के ट्रेड करते हैं, जो कि जुए जैसा होता है। हमें ठोस कारणों के आधार पर ही निर्णय लेना हैं।
4-"मुझे सब पता है" वाले रवैये से बचें। यह सोच हमारे सीखने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है। बेहतर होगा कि हम हमेशा नई चीज़ें सीखने के लिए तैयार रहें।
5-सिस्टम के पहलुओं को जानना। यह समझना कि कब बाज़ार में रहना है और कब दूर, किसी भी ट्रेडर के लिए बहुत अहम है। हर समय ट्रेड करना ज़रूरी नहीं, कभी-कभी इंतज़ार करना ही सबसे अच्छा ट्रेड होता है।
6-सकारात्मक रहें। अपने मन को हौसला दें कि हम लाभ भी कमा सकते हैं। डर के बजाय समझ और विश्वास के साथ ट्रेड करें।
7-प्रतिबद्धता। हमारी कमाई, हमारी मेहनत की कमाई है। इसलिए एनालिसिस, रिस्क और रिटर्न के प्रति ईमानदारी और कमिटमेंट ही हमें आगे ले जाती है।
हमारा उद्देश्य यह नहीं कि दूसरों को ग़लत साबित करें, बल्कि यह समझना है कि हर किसी का अनुभव अलग होता है। हमें सभी विचारों का सम्मान करते हुए, अपने लिए सबसे उपयुक्त रास्ता अपनाना है।
बुक कोट्स
"हमारा पैसा कड़ी मेहनत से कमाया गया है, इसिलए पर्याप्त ज्ञान के बिना इसे निवेश करने की भूल न करें।"
"प्राइस पर कार्य करने से हमें छोटा स्टॉप लॉस और बड़ा प्रॉफिट मिलने की ज्यादा संभावना होती है।"
"भावनाओं में बदलाव होने के बाद, मार्केट में एक बड़ी चाल होने की संभावना अधिक होती है।"
"मंदार का 80:20 नियम कहता है कि हमारा ट्रेडिंग लाभ केवल 20% ट्रेडिंग रणनीति पर और 80% ट्रेडिंग अनुशासन पर निर्भर करता है।"