"Trading Habits: 39 Most Powerful Stock Market Rules" बुक समरी में हम ट्रेडिंग आदतों की नींव बनाना, अपनी भावनाओं में बहने से बचना, प्रॉफिटेबिलिटी का रहस्य खोजना सीखेंगे।
लेखक Steve Burns and Holly Burns द्वारा लिखित "Trading Habits: 39 of The World's Most Powerful Stock Market Rules" बुक स्टॉक मार्केट के वे Rules हमारे सामने रखती है, जो ट्रेडिंग की दुनिया से सफल और असफल लोगों को अलग करते हैं। इस बुक से हम ट्रेडिंग के, वे अनुभवी नियम ग्रहण करने का प्रयास करेंगे, जिससे हमारी ट्रेडिंग की मानसिकता विकसित हो सकती है।
इस बुक का हर नियम उन रहस्यों, मंत्रों और आदतों को उजागर करता है जिसे सफल ट्रेडर्स फॉलो करते है, और सफलता हासिल करते हैं। तो हमें हर नियम को अभ्यास के द्वारा अपनी ट्रेडिंग लाइफ में उपयोग करने की कोशिश करनी है।
ट्रेडिंग आदतों की नींव
1-ट्रेडिंग सिस्टम बनाने की एक महत्वपूर्ण बात
एक सफल ट्रेडिंग सिस्टम को या तो बिग प्रॉफिटेबल परसेंटेज में, या बिग प्रॉफिट और स्माल लॉस के लिए बनाना होगा।
ट्रेडिंग में हमें हर बार सही होने की जरूरत नहीं है, हमें बस सही को चलने देना है और गलत को काट देना है। जिससे हम सही पर बड़ा प्रॉफिट बना सकें और गलत होने पर कम लॉस में ट्रेड को छोड़ सकें, जिससे हमारी प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ जाएगी।
2-अपना ट्रेडिंग सिस्टम फैक्ट के अनुसार बना हो न कि राय पर।
प्रोफेशनल ट्रेडर अपने सिस्टम को फैक्ट के अनुसार बनाते हैं वे ट्रेंड, इंडिकेटर, ब्रेकआउट, एंट्री, और एग्जिट को अपने सिस्टम में प्लान करने के बाद ही ट्रेड लेते हैं। जो ट्रेडर ऐसा नहीं करता, वह randomly ट्रेड करता है।
3-कम-रिस्क, हाई-रिवॉर्ड और हाई-प्रोबेबिलिटी वाले सेटअप की तलाश करें।
एक ऐसा सिस्टम जिसका रिस्क-टू-रिवॉर्ड रेश्यो अच्छा हो और कम रिस्क हो। इससे हमारी सफलता की उम्मीद बढ़ जाती है। हमें रिस्क पर काम करना होगा, जिससे हम रिस्क को कम कर सकें और रिवॉर्ड को बढ़ा सके।
4-ट्रेड एनालिसिस बड़े से छोटे टाइम फ्रेम की ओर करना।
लॉन्ग टर्म ट्रेंड देखने के लिए weekly चार्ट प्राइस से शुरुआत करें, और फिर उस ट्रेंड की दिशा में ट्रेड करने के लिए daily और hourly चार्ट पर काम करें।
5-सपोर्ट और रेजिस्टेंस का बनना।
किसी सपोर्ट या रेजिस्टेंस लेवल का जितनी बार प्राइस टच करेगा, उसके टूटने की संभावना उतनी ही अधिक होगी। पुराना रेजिस्टेंस नया सपोर्ट बन सकता है, और पुराना सपोर्ट नया रेजिस्टेंस बन सकता है।
6-Moving Average का उपयोग।
Moving average हर ट्रेडिंग सिस्टम का एक पार्ट होता है। यह हमें आसानी से बता सकता है, कि ट्रेंड अपट्रेंड है या डाउनट्रेंड क्योंकि यह प्राइस के साथ-साथ चलता है। और यह भावनाओं से बेहतर परफॉर्म करता है।
7-सपोर्ट और रेजिस्टेंस का एक नियम।
जो लोग बुलिश मार्केट में रेजिस्टेंस ढूंढते रहते हैं, वे अक्सर मार्केट से trap हो जाते हैं। और जो लोग बेयरिश मार्केट में सपोर्ट ढूंढते रहते हैं, वे अक्सर अपना सब कुछ गवा देते हैं।
8-मार्केट में गैप का महत्व।
अगर मार्केट अपनी गैप को 1 घंटे के अंदर नहीं भरता है तो इसकी बहुत अधिक संभावना है कि गैप की दिशा में ही मार्केट जाएगा। अधिकतर गैप भर जाते हैं लेकिन उन्हें भरने में हफ्ते और महीने का समय लग जाता है।
9-मार्किट का आखरी एक घंटा महत्पूर्ण है।
मार्किट का आखरी एक घंटा बताता है कि कोई ट्रेंड वास्तव में कितना मजबूत है। "स्मार्ट मनी" अंतिम घंटे में अपना खेल दिखाती है अगर मार्केट strong होता है इसका मतलब स्मार्ट मनी ने अभी तक ट्रेंड को छोड़ा नहीं है। जब तक मार्केट लगातार strong close हो रहा है, तब तक मार्केट में बने रहने के लिए uptrend ही देखें।
अपट्रेंड के समाप्त होने की सबसे अधिक संभावना तब होती है जब पहले सुबह की रैली हो और उसके बाद कमजोर closing हो।
10-SMA 200 डे का महत्व।
यह वह लाइन है जहां इन्वेस्टर और ट्रेडर्स दोनों काम करते है। प्राइस 200 डे को क्लोज करती है, तब निवेशक अपनी पोजीशन को छोड़ देते है। और ट्रेडर्स शार्ट सेल्लिंग के लिए तैयार हो जाते है।
11-अनेक की तुलना में कुछ को देखना बहुत आसान है।
ट्रेडिंग में मजबूत बढ़त हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका, सीखना, टेस्ट करना, ट्रेड करना और किसी विशेष चीज़ में महारत हासिल करना है। किसी विशेष मार्केट, सेटअप, चार्ट पैटर्न, ट्रेडिंग सिस्टम या स्टॉक में किसी expert को हराना कठिन होता है।
12-सफल ट्रेडिंग का अर्थ।
अगर हम बिगिनर ट्रेडर होकर आसानी से ट्रेड में एंट्री और एग्जिट करते है, तो हम महत्पू्वर्ण area को ट्रेड नहीं कर पा रहे हैं। जो हमें बेहतर रिस्क-टू-रिवॉर्ड देगा, क्योंकि उन areas को ट्रेड करने में डर शामिल होता है जो हमें ट्रेड नहीं करने देता। इसका मतलब यह नहीं है कि जहां डर लगा वहां ट्रेड ले लिया।
13-सबसे अच्छे ट्रेड, लगभग तुरंत काम करते हैं।
जिस ट्रेड का एंट्री लेवल सही होता है, उसका स्टॉपलॉस और पोजीशन साइज भी बेहतर होती है। इस प्रकार के ट्रेड में प्रॉफिट को मैनेज करना जरुरी होता है। इसलिए हमें ट्रेलिंग स्टॉप लॉस और एग्जिट एरिया को पहले से प्लान कर लेना है।
भावनाओं में बहने से बचना
1-इच्छाधारी सोच को खत्म कर देना चाहिए।
इच्छा ट्रेडिंग का कोई रूल या नियम नहीं है, जो हमें ट्रेडिंग से पैसा बनाकर दे। वह ज्यादा पाने की इच्छा ही है जो एक ट्रेडर को बड़ी पोजीशन साइज लेने को मजबूर करती है, और ट्रेडिंग अकाउंट साफ करवा देती है। लेकिन यह भी सच है कि वह strong इच्छा ही है जो ट्रेडर को ट्रेडिंग में गलतियों से सिखने और बने रहने में मदद करती हैं।
2-ट्रेडिंग का राज
ट्रेडिंग में हम जो सोच रहे है, हो सकता है कि वह पहले ही हो चूका हो। क्योंकि स्मार्ट मनी उन चीजों पर पहले ही एक्शन ले चुकी होती है, और वह अपना प्रॉफिट लॉक करके या एग्जिट की तैयारी में होती है। जब बिगिनर मार्केट में आते है और स्मार्ट मनी बाहर हो जाती है, इस प्रकार वे trap में फस जाते हैं।
3-हारने वाले ट्रेड को चलाने का लॉस।
एक हारने वाले ट्रेड को प्रतिदिन इस उम्मीद के साथ चलाना कि यह फिर से हमारी दिशा में आ जायगा। यह फाइनेंसियल और इमोशनल रूप से बहुत बड़ा खर्च होता है।
4-पोजीशन को मैनेज करना।
हम अपनी कैपिटल के अनुसार अपनी पोजीशन को बढ़ाते रहते है। लेकिन ज्यादा की चाह में हम पोजीशन इतनी बड़ा देते है, कि हम मानसिक रूप से उसे मैनेज नहीं कर पाते है। इसलिए जब भी हमें ट्रेडिंग करते समय stress महसूस हो तब अपनी पोजीशन को कम कर ले।
5-मार्केट प्लान का उपयोग।
ट्रेडिंग में एंट्री इसलिए ना ले कि हमारे पास पैसा है, सिस्टम जब एंट्री देता है तब ट्रेड किया जाता है। और ट्रेड को इसलिए कट न करे कि 100 रुपए लॉस कर दिये या पूरा अकाउंट लॉस होने तक रिस्क ले सकते है। स्टॉप लॉस हिट होने या टारगेट हिट होने पर exit करना होता है।
6-जब करने को कुछ न हो, तो कुछ न करें।
अधिकतर ट्रेडर्स मार्केट से इसलिए पैसा गवाते हैं क्योंकि वे ट्रेडिंग signal का इंतजार नहीं कर पाते। प्रोफेशनल ट्रेडर अपनी भावनाओं से ज्यादा अपने ट्रेडिंग प्लान पर विश्वास करते है, इसलिए जब तक उसका प्लान उन्हें ट्रेड नहीं देता, तब तक वे ट्रेड नहीं करते हैं।
7-मार्केट के वर्तमान पल पर फोकस रखना।
कभी-कभी हम मार्केट का भविष्य बताने की कोशिश करते है, उस समय हम यह भूल जाते है कोई किसी का भविष्य नहीं बता सकता। मार्केट का अनुमान लगाने से गलतियों को सुधारने, संभावनाओं को बढ़ाने, और learning को चालू रखने की संभावना को कम कर देते है।
8-ट्रेडिंग सिस्टम के सभी पहलुओं को जानना।
एक ऐसे सिस्टम पर ट्रेडिंग करें जिसके सभी पहलुओं को हम जानते है। इस प्रकार, जब हम बाजार में कठिन समय का सामना करें, तो हमें अपने सिस्टम को न छोड़ना पड़े। अपने सिस्टम की कमजोरियों से सीखने और उन पर काम करने से हम अलग-अलग प्रकार के मार्केट का सामना कर सकते है।
9-लचीले रहें और मार्केट के ट्रेंड के साथ चलें।
अधिकांश ट्रेडर्स अपनी भावनाओं में बहकर ट्रेड लेते हैं। यह जानते हुए कि भावनाओं में बहकर केवल अपना नुकसान ही करेंगे।
एक ट्रेडर जब तक खुद को ट्रेडिंग से अलग करके अपने सिस्टम के अनुसार ट्रेड नहीं लेता, तब तक वह मार्केट में long टर्म तक पैसा नहीं बना सकता है।
10-ट्रेडिंग विश्वास।
ट्रेडिंग विश्वास विकसित करने के लिए हमें प्रतिदिन अपना होमवर्क करना और अपने सिस्टम को डिसिप्लिन के साथ प्रतिदिन फॉलो करना होगा।
11-ट्रेडिंग वर्षों में मैंने एक बात सीखी है कि संकट = अवसर।
जब सब बेच रहे होते है तब हम शार्ट सेल्लिंग करके पैसा बना सकते है, और जब सब खरीद रहे हो तब हम भी अच्छे शेयर्स को खरीद कर पैसा बना सकते है। एक ट्रेडर के लिए दोनों साइड पैसा बनता है। लेकिन मार्केट गिरता है तो बहुत तेजी से और उठता है तो धीरे-धीरे। इसलिए संकट को एक अवसर बनाकर हम अधिक पैसा बना सकते हैं।
12-मार्केट सिंगल को ध्यान देना।
न्यूज़ किस प्रकार की है, और मार्केट उस पर किस प्रकार की प्रतिक्रिया देता है। इस बात पर निर्भर करता है कि मार्केट का ट्रेंड लगातार चलता रहेगा या बदलेगा।
इस बात का ध्यान रखे कि न्यूज़ कोई signal नहीं है ट्रेड लेने का, न्यूज़ हमें बताती है कि यह घटना घटी हैं। प्राइस एक्शन को देखकर यह अंदाजा लगाया जाता है कि मार्केट ने कैसा रिएक्शन दे दिया या देने वाला है।
प्रॉफिटेबिलिटी का रहस्य
1-लॉस को मैनेज करें और लाभ को बढ़ाये।
ट्रेडिंग प्रॉफिट को बढ़ाने में चार चीजें मायने रखती है, स्माल प्रॉफिट, बिग प्रॉफिट, स्माल लॉस, और breakeven। अगर हम अपने बिग लॉस को मैनेज नहीं करते है, तो हम हमारी महीने की कमाई एक दिन में बर्बाद कर सकते है। इसलिए स्टॉप लॉस और ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का सही से उपयोग करना सीखे।
2-रिस्क मैनेजमेंट फॉलो करना।
स्टॉप लॉस एक बार हिट होने के बाद नाहि थोड़ा ज्यादा-थोड़ा कम करना, नाहि सोच विचार करना, और नाहि इंतजार करना, हमें तुरंत अपने स्टॉप लॉस को लेते हुए ट्रेड को छोड़ देना है। क्योंकि हम स्टॉप लॉस की जितनी परवाह करेंगे, वह भी हमारी कैपिटल की उतनी ही परवाह करेगा।
3-पोजीशन साइज किसी ट्रेड के सेटअप की quality से संबंधित होती है।
सफल ट्रेडर्स के पास एक रेयर ट्रेडिंग सेटअप होता है, जो कभी-कभी ही ट्रेड देता हैं। जिसकी सफलता की संभवना बाकी ट्रेड से बेहतर होती है। इन ट्रेड पर पोजीशन साइज को नार्मल ट्रेड से बढ़ाकर ट्रेड किया जाता है। इस प्रकार हम ट्रेड के अनुसार अपनी पोजीशन साइज को बढ़ा और घटा सकते है।
4-किसी भी एक ट्रेड पर अपनी पूरी ट्रेडिंग कैपिटल का 1% से अधिक न खोएं।
हम हमेशा कोशिश करते है कि रिस्क को कम किया जाये और मार्केट में टिके रहने की संभावना बढ़ाई जाए। प्रत्येक ट्रेड में 1% रिस्क हमें लगातार drawdown से होने वाले लॉस को कम करता है, और सफल ट्रेडर इस रूल को अभ्यास के द्वारा अपने सिस्टम में शामिल करने की कोशिश करता है।
5-ख़राब ट्रेड में 3% से अधिक न खोना।
हम अपनी ट्रेडिंग कैपिटल को जितना बचा सकते हैं, और प्रॉफिट को जितना उपयोग कर सकते हैं, उससे ही हमारी ट्रेडिंग सफलता बढ़ती है। अगर हम दिन में दो ट्रेड लॉस होने के बाद तीसरा ट्रेड नहीं लेते हैं तो हमारी ट्रेडिंग कैपिटल बचने की संभावना ज्यादा हो जाती है।
6-खराब ट्रेड में अपनी पोजीशन कम करना।
जब मैं खराब ट्रेड कर रहा होता हूं, तो मैं अपनी पोजीशन साइज को कम करता रहता हूं। इस तरह, जब मेरी ट्रेडिंग सबसे खराब होगी तब मैं अपनी सबसे छोटी पोजीशन साइज में ट्रेडिंग करूंगा।
7-हारने वाले अपने हारने वाले ट्रेड को एवरेज करते हैं।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक ट्रेडर यह स्वीकार नहीं कर पाता है कि वह गलत है, और वह आशा करता है, यह ट्रेड दोबारा से उसकी दिशा में जाएगा। यह कभी-कभी हो भी जाता है, जिसके कारण ट्रेडर को विश्वास होता है कि ऐसा हमेशा होता है। इसीलिए अपने अनुभव से सीखिए, हारने वाले ट्रेड को छोड़िए, और अगले ट्रेड का इंतजार कीजिए।