One Up On Wall Street Book Summary

One Up On Wall Street बुक समरी में हम कंपनी का आकार और प्रकार, कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस, स्टॉक एनालिसिस करना, कुछ स्टॉक को छोड़ने के कारण, और खरीदने और बेचने के सही समय के बारे में जानेंगे।

लेखक Peter Lynch द्वारा लिखित One Up On Wall Street बुक हमें व्यक्तिगत निवेश को बेहतर करने की ओर ले जाती है। यह बुक हमें बताती है कि किस प्रकार पेशेवर निवेशकों को मात देते हुए अपने निवेश को कई गुना बढ़ाया जा सकता है। यह बुक हमें मार्केट के शोर-शराबे से दूर ले जाती है और कंपनी के मूल सिद्धांतो पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर देती है।

निवेश करना एक बात है और उसके साथ बने रहना एक अलग बात है। कुछ लोग भय के कारण बेच देते है तो कुछ लालच के कारण। इसलिए निवेश में बने रहने के लिए हमें यह पता होना जरुरी है कि हमारे निवेश के नियम या रणनीतियां क्या है?

One Up On Wall Street Book Summary

कंपनी का आकार और प्रकार

किसी कंपनी का आकार इस बात पर बहुत हद तक निर्भर करता है कि हम स्टॉक से क्या हासिल करने की उम्मीद कर सकते हैं।

कुछ बेहतर प्रोडक्ट को छोड़कर, बड़ी कंपनियों के स्टॉक में बड़ा बदलाव देखने को कम मिलता है। और वहीं पैसे को बढाने के मामले में छोटी कंपनियां ही हमारी मदद करती है।

लेखक कंपनी के आकार को निर्धारित करने के बाद सभी कंपनी को छह भागों में रखते है जो इस प्रकार है:

  1. धीरे बढ़ने वाली कंपनी। शुरुवात एक तेजी से बढ़ने वाली कंपनी से होती है और बढ़ते-बढ़ते यह अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने में थक जाती है।
  2. मजबूत कंपनी। यह कंपनी मुश्किल समय के दौरान भी अपने पोर्टफोलियो में स्तरता प्रदान करती है। यह कंपनी ऐसा प्रोडक्ट बनाती जिसकी हमेशा मांग रहती है।
  3. जल्दी बढ़ने वाली कंपनी। यह वे छोटी, आक्रामक नई कंपनी होती है जो सालाना 20 से 25 प्रतिशत की दर से बढ़ती हैं।
  4. Cyclical Growing: यह वह कंपनी है जिसकी बिक्री और लाभ नियमित रूप से बढ़ते और घटते हैं।
  5. Turnaround कंपनी: जब कोई कंपनी, खराब प्रदर्शन के दौर से गुजर कर वित्तीय सुधार के दौर में प्रवेश करती है, ऐसी कंपनीयों को Turnaround कंपनी कहा जाता है।
  6. Asset Play कंपनी: यह वह कंपनी होती है जिसके पास कुछ छुपे हुए एसेट होते है जो कंपनी को प्रॉफिट बनाने में मदद करते है।

हमें यह भी याद रखना है कि कंपनियाँ हमेशा एक ही category में नहीं रहतीं। यह कभी तेजी से बढ़ने वाली कंपनी के रूप में शुरू होती हैं और कम गति से बढ़ने वाली कंपनी के रूप में समाप्त हो जाती हैं।

कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस

लेखक का मानना है कि कंपनी कोई भी व्यक्ति चला सकता है पर सफल कंपनी चलाने के लिए कुछ बेहतर की आवश्कता होती है। और हम इन बेहतर विशेषताओं को फॉलो करके अपने निवेश से पैसा बना सकते है।

हमें कभी भी एक आदर्श कंपनी नहीं मिलेगी, लेकिन अगर हम इसकी कल्पना कर सकते हैं, तो हम इन विशेषताओं को पहचान जाएँगे जो हमें कंपनी को एनालिसिस करने में मदद कर सकती है। जिनमें से कुछ विशेषताएँ इस प्रकार है;

  1. कंपनी का नाम नीरस लगता है या हास्यास्पद। एक बेहतर कंपनी सरल बिज़नेस करती है और सरल व्यवसाय का नाम बिल्कुल उबाऊ होता है। यह जितना उबाऊ होगा, उतना ही बेहतर होगा।
  2. कंपनी कुछ बोरिंग करती हो। यदि शानदार earning और मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनी भी नीरस काम करती है, तो यह हमें छूट पर स्टॉक खरीदने के लिए बहुत समय देती है।
  3. कंपनी एक by-product हो। इस कंपनी के सभी डिवीजन अलग-अलग और स्वतंत्र रूप से कार्य करते है जो कंपनी को ज्यादा रचनात्मक और प्रॉफिटेबल बनाने में मदद करता है।
  4. ऐसी कंपनी जिसकी अफवाहें बहुत हैं। सम्मानित निवेशक ऐसी कंपनी से दुरी बनाकर रखते है लेकिन जब कंपनी प्रॉफिट बनाने लगती है तब वे भी इन कंपनीयों को चुनना पसंद करते है।
  5. ऐसी कंपनी जिसमें कम समय के लिए कुछ निराशाजनक परिस्थितियों को झेलना पड़ रहा है।
  6. अंदरूनी लोग खरीदार हो। जब अंदरूनी लोग पागलों की तरह खरीद रहे हैं, तो हम निश्चित हो सकते हैं कि, कम से कम, कंपनी अगले छह महीनों में दिवालिया नहीं होगी।

निवेश करने से पहले हमें इन बातों के बारे में पता होना आवश्यक है ताकि हम कंपनी को लंबे समय तक होल्ड कर सके। यह सभी बातें हमें बेहतर कंपनी ढूढ़ने में मदद करती है।

स्टॉक एनालिसिस

कंपनी को जानने की इस यात्रा में अब बारी है कंपनी के शेयर्स की। वो क्या है ना भावनाओं का कोई भरोसा नहीं कभी भी बदल जाती है पर नंबरों पर भरोसा है। सच में, कल मैंने 1000 रुपए का सामान खरीदा और बिल में 1100 लिखाया। वाह! मैंने अपने पेरेंट्स से 100 चुरा लिये।

हमारे निवेश के साथ ऐसा न हो कि कुछ चीजें हमें दिखाई न जाये या हम उसे नहीं देख रहे है। इसलिए एक बार नंबर पर भी ध्यान देना जरुरी हो जाता है। यह नंबर्स हमें एक आईडिया देते है कि कंपनी में अभी निवेश करना है या इंतजार करना है। यह नंबर कुछ इस प्रकार है;

  1. Percent of Sales: इससे बिक्री, खर्चे और लाभ के बीच के संबंध को समझने में मदद मिलती है। इसका उपयोग कंपनी की Profitability का आकलन करने के लिए कर सकते है।
  2. Price/Earning Ratio: High P/E भविष्य में growth के लिए high उम्मीदों का संकेत देता है, जबकि कम P/E यह संकेत देता है कि शेयर का मूल्य कम है या कंपनी चुनौतियों का सामना कर रही है।
  3. Cash Position: मजबूत cash position फाइनेंशियल हेल्थ और अल्पकालिक liabilities को पूरा करने, अवसरों में निवेश करने और आर्थिक मंदी का सामना करने की क्षमता को दर्शाता है।
  4. Book Value: किसी कंपनी का बाजार मूल्य उसके प्रति शेयर book value से तुलना करके यह बताता है कि स्टॉक overvalued है या नहीं।
  5. Debt Factor; एक सामान्य कॉर्पोरेट बैलेंस शीट में 75% equity और 25% debt होता है। और मजबूत बैलेंस शीट में 1% debt और 99% equity हो सकती है, दूसरी ओर, एक कमजोर बैलेंस शीट में 80% debt और 20% equity हो सकती है।
  6. Dividend; Electric Utilities और Telephone Utilities प्रमुख लाभांश देने वाली कंपनियाँ हैं। धीमी वृद्धि की अवधि में उन्हें प्लांट बनाने या अपने उपकरणों का विस्तार करने की आवश्यकता नहीं होती है, और cash जमा होता जाता है।

यही वे महत्वपूर्ण बातें हैं जो हर निवेशक को निवेश करने से पहले जाननी होते है। ताकि वह अपने पैसे को बढ़ा सकें।

कुछ स्टॉक को छोड़ना

अब तक हमने जाना कि हम किस प्रकार एक बेहतर कंपनी खोज सकते है और वह हमारा जीवन बदल सकती है। जितना यह जानना जरुरी है हमें किसमें निवेश करना है, उतना ही यह भी जरुरी है किससे बचना है।

हाई ग्रोथ और हॉट स्टॉक एक बहुत ही चतुर भीड़ को आकर्षित करते हैं जो बिज़नेस में शामिल होना चाहते हैं। इसलिए एक निवेशक को अपने लिए कुछ नियम बनाने होते है ताकि उन स्टॉक से बच सके जो उनका पैसा डूबा सकते है।

लेखक ऐसे कुछ नियम बताते है जो किसी कंपनी में फॉलो होने पर उसे छोड़ना जरूरी हो जाता है।

  1. हॉट स्टॉक। ये स्टॉक अक्सर प्रचार और सट्टा निवेश के कारण अधिक प्रचलन में होते हैं। भावनाओं के कारण इसकी कीमतें घटती और बढ़ती हैं जो कंपनियों की वास्तविक आय क्षमता को नहीं दर्शाती हैं।
  2. Insider या विशेषज्ञों से स्टॉक टिप्स: खुद रिसर्च करने के बजाय टिप्स पर भरोसा करने से, हम खुद अपना पैसा बढ़ाना नहीं सीख सकते हैं।
  3. High P/E Ratio: यह संकेत देता है कि स्टॉक का मूल्य अधिक है।
  4. गिरावट वाले उद्योगों: गिरावट वाले उद्योगों में कंपनियों के विकास की संभावनाएँ सीमित होती हैं और उन्हें मुनाफ़ा बनाए रखने में संघर्ष करना पड़ता है।
  5. Concept Stocks: जबकि कुछ Concept Stocks सफल निवेश में बदल जाते हैं, कई अपने वादों पर खरे नहीं उतर पाते हैं। इन स्टॉक में निवेश करना अधिकतर सट्टा और जोखिम भरा हो सकता है।

लेखक इस बात पर जोर देते हैं कि हम जो समझते हैं उसमें निवेश और गहरी रिसर्च करना महत्वपूर्ण है। साथ ही निवेशकों को बुनियादी बातों का ध्यान रखने, टिकाऊ ग्रोथ और बेहतर डाटा वाली कंपनियों में निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

खरीदने और बेचने का सही समय

अब हमें यह देखना होता है कि कब निवेश करना है और कब स्टॉक को छोड़ना है। लेखक के अनुसार निवेश करने का कोई निश्चित समय नहीं है हम जब अपना होश संभालते है और एक बेहतर कंपनी ढूंढ पाते है। उसके बाद अपनी रिसर्च पूरी होने के बाद हम निवेश कर सकते है।

अगर बाजार हमें यह नहीं बता सकता कि कब बेचना है, तो फिर क्या बता सकता है? कोई एक सूत्र संभवतः जैसे पैसे डबल हो जाने के बाद बेच दो या अगली मंदी से पहले बेच दें ऐसी सलाहें हैं जिनका पालन करना उचित होगा, पर हम यह नहीं जानते की यह कब होगा?

लेखक हमें कुछ बातें बताते है जो हमें किसी कंपनी के साथ बने रहने और उसे छोड़ने में हमारी मदद कर सकती है। जो इस प्रकार है;

  1. किसी स्टॉक में 30-50 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने पर।
  2. किसी कंपनी के फंडामेंटल खराब हो जाने पर।
  3. किसी कंपनी का P/E ratios सामान्य से बहुत अधिक बढ़ जाने पर।
  4. कंपनी के साथ कुछ गलत होने पर।
  5. कर्ज अचानक से बढ़ने पर।

ऐसे अनेक कारण, जो हमें कंपनी को छोड़ने में मदद कर सकते है। साथ ही, हमें यह भी याद रखना होगा कि हम कम समय के लिए निवेश कर रहे या लंबे समय के लिए। क्योंकि कम समय में स्टॉक का ट्रेंड मायने रखता है वही लॉन्ग टर्म में कम।

निष्कर्ष

One Up On Wall Street बुक समरी में हमने पांच महत्पूर्ण बातों को जाना जो इस प्रकार है;

  1. हमें कंपनी को बेहतर तरीके से समझने के लिए कुछ भागों में बाटना होता है।
  2. उसके बाद हम कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस करते है ताकि हमें पता हो की कंपनी की पोजीशन क्या है।
  3. स्टॉक एनालिसिस हमें किसी कंपनी में निवेश करने का अवसर देता है।
  4. हमें निवेश करते समय कुछ स्टॉक को छोड़ना होता है ताकि हम अपने पैसे बचा सकें।
  5. निवेश करने के लिए कोई सही समय नहीं होता इसलिए अच्छे और बुरे समय का इंतजार न करें।

END

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