Lets Talk Money Book Summary

"Lets Talk Money" बुक समरी में हम पर्सनल फाइनेंस को समझना, अपने पैसे को बांटना, इमरजेंसी फंड बनाना, अपने पैसे का निवेश करना और रिटायरमेंट फंड बनाना सीखेंगे।

लेखिका Monika Halan द्वारा लिखित "Lets Talk Money" बुक, हमें अपने पैसे के बारे में ईमानदारी से बात करना सिखाती है। यह बुक हमें बताती है कि हम पैसे के ज्ञान से भाग नहीं सकते, देर-सबेर हमें पैसे के ज्ञान को सीखना ही होगा। परिस्थितियां हमारी फाइनेंशियल कंडीशन को बर्बाद कर दे, इससे पहले लेखिका हमें अपनी फाइनेंशियल भागदौड़ खुद संभालने पर जोर देती है।

बहुतों की तरह हम भी अपने फाइनेंशियल ज्ञान को कल पर टालते रहे है लेकिन अब नहीं, इस बुक समरी में अपने फाइनेंशियल ज्ञान की दिशा में कदम बढ़ाने की कोशिश करेंगे।

Let's Talk Money Book Summary
Let's Talk Money Book Summary Hindi

पर्सनल फाइनेंस को समझना



हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हर काम मजे के लिए नहीं होता, कुछ काम हमारे कर्तव्य(duty) होते हैं।


प्रोफेशनल लोगो के द्वारा दिया गया फाइनेंसियल ज्ञान हमें इतना जटिल लगता है कि हमारी सिखने की इच्छा ही नहीं होती है। लेकिन उसी ज्ञान को हम सिंपल भाषा में भी समझ सकते है।

लेखिका का मानना है कि अपने पैसे को संभालना हमें स्वयं सीखना होगा क्योंकि अपने पैसे का उपयोग हम खुद करते है। इसलिए हमें ईमानदारी से यह भी देखना है कि हमारा पैसा कहां से आ रहा है और किन रास्तों से जा रहा है। इसके लिए हमें अपने कमाने के तरीकों और खर्चों को देखना होगा।

हम जितनी जल्दी फाइनेंशियल ज्ञान की ओर कदम बढ़ाते है, हमारी वित्तीय स्वतंत्रता की मंजिल उतनी ही करीब आती है, और जितने इस ज्ञान से भागते है उतने ही हम पैसे के ज्ञान से भी दूर होते चले जाते है।

लेखिका हमें बताती है फाइनेंशियल ज्ञान ग्रहण करना बोरिंग है, लेकिन इसे दिलचस्प बनाकर अपने पैसे को संभालना और बढ़ाना सीख सकते हैं।

अपने पैसे को बांटना



अमीर बनने के लिए, हमें सबसे पहले खुद पर और अपने ज्ञान पर इन्वेस्ट करना होगा, उसके बाद अपने खर्चों पर।


अपने पैसे को मैनेज करने के लिए लेखिका हमें तीन account में रखने पर जोर देती है। जो इस प्रकार है;

  1. Income Account
  2. Spending Account
  3. Investing Account

लेखिका बताती है कि Saving account में हमारी सैलरी आती है, उसे खर्च करने से पहले हमें अपने पैसे को दोनों अकाउंट में बांटना होगा।

जैसे हमें अपने खर्चें के पैसे को Spending account में और बाकि जो बचता है उसे अपने Investing account में डालना है। लेकिन हमें अपनी investments के लिए बचाना है इसके लिए अपने कमाने की क्षमता बढ़ानी होगी।

हमें अपने पैसे खर्च करने और बांटने से पहले इन नियम को जानना जरूरी है। जो इस प्रकार है:

  1. हमारा खर्च हमारी कमाई के 40%-50 % से अधिक नहीं होने चाहिए।
  2. हमारी किस्तें हमारी कमाई के 20-30% से ज्यादा न हो तो अच्छा है।
  3. हमारी कमाई का 15-20% सेविंग करना होगा।

वित्तीय सफलता और बड़े कर्ज से बचने के लिए इन नियम को फॉलो करना आवश्यक हैं।

इमरजेंसी फंड बनाना



रिस्क न लेने की इच्छा जरूरत पड़ने पर पैसा न होने के डर से भी आती है।


हमें कुछ भी करने से पहले एक इमरजेंसी फंड बनाने पर जोर दिया जाता है ताकि जो घटना होने की संभावना बहुत कम है वे घट जाये तो हम कर्ज में न डूबे। यह हमारे काम की तरह हमारी लाइफ के लिए भी सही है।

लेखिका के अनुसार हमें दो परिस्थितियों से निपटने के लिए इमरजेंसी फंड की आवश्यकता होती है;

  1. नियोजित परिस्थितियों
  2. अनियोजित परिस्थितियों

कुछ काम जैसे घर की मरम्मत, छुट्टियां मनाने जाना, आदि कामों में हम प्लान करके पैसा खर्च कर सकते है, लेकिन कुछ खर्च ऐसे भी है जिनके लिए हमें पैसा देना ही होता है जैसे हॉस्पिटल के ख़र्चे, नौकरी से निकाल देने पर घर के ख़र्चे आदि।

इस प्रकार की परिस्थितियों से निपटने के लिए लेखिका हमें 6 महीनें का इमरजेंसी फंड बनाने पर जोर देती है। इसमें हमारे सभी खर्च शामिल है जैसे घर के खर्च, किराया, स्कूल फीस, लोन की किस्तें आदि। और हमें यह फंड ऐसी जगह रखना है कि जब जरूरत हो तब इसे कैश में बदला जा सके जैसे fexible fd आदि।

अपने पैसे का निवेश करना



इमरजेंसी फंड रिस्क से नहीं सुरक्षा से बचता है।


इस बुक में हम अपनी पैसे की आवश्यकता के अनुसार निवेश करना सीखेंगे। जो इस प्रकार है;

  1. जिन पैसे की जरूरत कुछ दिनों या हफ्तों में।
  2. जिन पैसे की जरूरत 3-7 साल में हो।
  3. जिन पैसो की जरूरत लंबे समय में हो।

Short-term निवेश के लिए FD और short-term निवेश अच्छा ऑप्शन हो सकता है, इसमें हम अपना इमरजेंसी फंड रख सकते है। इसमें पैसे बनाने पर कम और पैसे की सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाता है। यह भी ध्यान रखें यहां इमरजेंसी फंड रख रहे है इसलिए FD और निवेश flexible होने आवश्यक है ताकि हम अपने पैसे को जरूरत के अनुसार उपयोग कर सकें।

Mid-term निवेश आने वाली परिस्थितियों के लिए करते है। इसमें हमारा उदेश्य यह होता है कि medium रिस्क और medium प्रॉफिट प्राप्त करें, और साथ ही अपने पैसे को महंगाई से बचाने का भी प्रयास होता है, इसके लिए हम index fund, mutual fund और mid term bond का उपयोग करते है। इस निवेश में diversification हमारे रिस्क को कम करने में मदद करता है।

जो पैसा हमारे उपयोग का नहीं है उसे long-term के लिए निवेश किया जाता है। पैसा long-term निवेश से बनाया जा सकता है इसमें हमें निवेश के ज्ञान की आवश्यकता होती है। क्योंकि long-term में छोटी गलतियां भी बड़ी हो जाती है।

रिटायरमेंट फंड बनाना

रिटायरमेंट फंड बनाना हमारे लिए जरूरी है क्योंकि हम बहुत अधिक पैसो को मालिक नहीं है। हम नौकरी करते और जो कुछ भी कमाते हैं, उसी से हम अपने खर्चों को देते है, उसी से हम निवेश करते हैं।

रिटायरमेंट फंड में पैसे जमा करने का लेखिका एक सिंपल तरीका बताती है कि हमारी जितनी उम्र है, उतने % पैसे हमें अपने रिटायरमेंट फंड में जमा करने होंगे। ताकि हम 60 साल की उम्र आते-आते अपने लिए पर्याप्त पैसा बचा सकें, और अपने बच्चों पर अधिक निर्भर न हो।

निष्कर्ष

"Lets Talk Money" बुक समरी में पांच महत्वपूर्ण बातें सीखें जो इस प्रकार है;

  1. अपने पर्सनल फाइनेंस को समझना, अपने पैसे को मैनेज करने के लिए जरूरी है।
  2. अपने पैसे को spending और investing अकाउंट में बांट दे।
  3. अपने लिए इमरजेंसी फंड बनाएं।
  4. अपने पैसे को जरूरत के अनुसार निवेश करें।
  5. अपने लिए एक रिटायरमेंट फंड बनाएं ताकि हम अपना जीवन तब भी अच्छे से बिता सके, जब हम काम न कर रहे हो।

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